कल मिले थे

कल मिले थे राह में, बस नज़रो से बात की,
ये वक़्त का तकाज़ा है, वो इशारा नही करते…!!!

तारीफ़ करें खुदा

औकात क्या जो लिखूं नात आका की शान में।
खुद तारीफ़ करें खुदा मुस्तफ़ा की कुरान में।
और कीड़े पड़ेंगे देखना तुम उसकी ज़बान में।
गुस्ताख़ी करता हैं जो मेरे आका की शान मे।