मैं तिनके सा बहा जा रहा हूँ ..
जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ …
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैं तिनके सा बहा जा रहा हूँ ..
जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ …
पूछो इस दिल से की मैं तुम्हे कितना याद करता हूँ,
पागल सी हो गई है वो कलम जिससे मैं तेरा नाम लिखता हूँ..!!
कोशिश भी मत करना, मुझे संभालने की अब तुम,
बेहिसाब टूटा हुं, जी भर के बिखर जाने दो मुझे..!!
कुछ न कुछ कमियाँ बता कर, निगाहों से गिराती है।
दुनियां नेक नीयत पर भी, उँगलियाँ अब उठाती हैं.!!
दरख़्त-ए-नीम हूँ,
मेरे नाम से घबराहट तो होगी,
छांव ठंडी ही दूँगा,
बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी..!!
हर शख्स नही होता हर
शख्स के काबिल …
हर शख्स को अपने लिए
सोचा नही करते |
अब के बाद न जाने
कितने दिन गुमसुम से
ढल जायेंगे
जाने कितने आज सदा को इसी तरह
कल बन जायेंगे …
चलो अब मैंने प्रेम की डोर खोल दी…
जिससे बांधा था तुम्हे…
अगर वो मेरा है…तो मेरे पास लौट आएगा…अगर न लौटा…तो वो मेरा कभी था ही नही…!!!
सिर्फ ख़ुशी में ही आना,
अभी दूर रहो थोड़ा परेशान हूँ मैं…
कोई सुलह करा दे,
बड़ी तलब लगी है, मुस्कुराने कि…