चाहते थे जिन्हे

चाहते थे जिन्हे उनका दिल बदल गया
समन्दर तो वही गहरा हे पर साहिल बदल गया
कतल ऐसा हुआ किस्तो मे मेरा,
कभी बदला खंजर तो कभी कातिल बदल गया…

ये सोच कर

ये सोच कर की शायद वो खिड़की से झाँक ले
.
उसकी गली के बच्चे आपस में लड़ा दिए मैंने !!

झाँक रहे है

झाँक रहे है इधर उधर सब, अपने अंदर झांकें कौन ,

ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां, अपने मन में ताके कौन..