खतावार समझेगी दुनिया तुझे ..
अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खतावार समझेगी दुनिया तुझे ..
अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है,
मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है,
किसी और की बात रास नहीं आती,
दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है,
मानता है बस दलीले उनकी,
ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है,
यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है,
कि अपनी खैरियत भूल कर भी सो जाता है,
खुदा की नमाज भी भूल कर बैठा है,
कुछ इस कदर बद्सलूक हो जाता है,
जब दिल की गिरफ्त मे हो कोई,
जाने क्या से क्या हो जाता है…
छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!!
कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!
मेरी मासूम मोहब्बत ,
की गवाही न मांग मेरी पलकों पे सितारों ने इबादत की है…
जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है ,
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला|
इन जागी आँखों पे लिपटी आँसुओं की चादर…
तेरे तोहफ़ों ने हमसफ़र हमें ‘सफ़र’ बना दिया…
चल पडी है मेरी दुआए असर करने को….
तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!
मुझे ज़िंदगी दूर रखती है तुझ से
जो तू पास हो तो उसे दूर कर दूँ|
वक़्त बेनूर को नूर बना देता है,
वक़्त फकिर को हुजूर बना देता है,
वक़्त की कदर करो ऐ दोस्तो,
क्योंकि
वक़्त कोयले को भी कोहिनुर बना देता हैं ।
मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने…
मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…