मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए….
तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए….
तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!
मेरा खुदा एक ही है….
जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला
भटक गया था मै….
जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
हालात है..वक़्त है..या खुदा है| ये रह रह के मुझे परखता कौन है।
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा,
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!
इन्तहां लिखी इकरार लिखा,
पल पल का इंतज़ार लिखा,
तेरी यादों को दिल में बसा के,
हर रोज़ तुझे पैगाम लिखा…
सूने सूने तुझ बिन जीवन को,
पतझड़ का मौसम लिखा,
तेरी यादों के नील गगन में,
तन्हा कोई मंज़र लिखा…
तुझ बिन चलती इन सांसो को,
निष्प्राण कोई जीवन लिखा,
मेरे खयालों के हर पन्ने में,
तेरा ही कोई ज़िक्र लिखा…
रूठी रूठी रातों में,
जगती हुई इन आँखों में,
आंसुओं का सैलाब लिखा,
तुझ बिन कहीं हैँ खोये रहते,
जीते हुए भी पल पल मरते,
तेरी इन यादों का हर बातों का,
हर लम्हा हर पल लिखा…
मीत यादों को दिल में बसाके,
रोज़ तुझे पैगाम लिखा !!
फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है।
वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो|
क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा,
अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा,
हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है,
क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से
लिखना……….!!
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख
लो…….!!
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं…!!