इलाज ए इश्क

इलाज ए इश्क पुछा जो मैने हकीम से
धीरे से सर्द लहजे मे वो बोला
जहर पिया करो सुबह दोपहर शाम!!!

मेरी किस्मत में

मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है,

किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया !!