खामोश रहने का

खामोश रहने का , अपना मजा़ है… नींव के पत्थर , कभी बोला नहीं करते !!

उनको सोते हुए देखा

उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभी। क्या बताऊँ जो इन आँखों ने समां देखा था।।

आप पहलू में

आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें। दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की।।

दिल को तेरी चाहत पे

दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है| और तुझसे बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता

लफ़्ज़ों के इतेफ़ाक़

लफ़्ज़ों के इतेफ़ाक़ में यूँ बदलाव करके देख , तू देख के ना मुस्कुरा , बस मुस्कुरा के देख !!

पालते हैं वे कबूतर

पालते हैं वे कबूतर पर कतरने के लिए, ताकि बेबस हों उन्हीं के घर उतरने के लिए!!

मुझे जिंदगी का तजूर्बा

मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है, छोटा इंसान बडे मौके पर काम आ सकता है।

उनसे बिछुड़े हुए

उनसे बिछुड़े हुए हमें इक ज़माना हो गया। आँखों से इन अश्कों का रिश्ता पुराना हो गया ।। क्या कहे किसको कहे हाले- दिल की दास्ताँ । प्यार की हक़ीक़तें अब इक फसाना हो गया ।। यूँ तो रोज़ मिलते हैं ख़्वाबों मे अक्सर उन्हें दीदार अब उनका हमसे बेगाना हो गया ।। हाल मेरा… Continue reading उनसे बिछुड़े हुए

पथ्थर से पथ्थर पर

पथ्थर से पथ्थर पर वार करने वाले लोग भी है दुनिया मे, हम तो वो है जो पथ्थर से पथ्थर जोडकर किसी को उसकी मंजिल तक पहुंचा दे ।।

तेरी महफ़िल से

तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी, तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया।

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