अभी मुठ्ठी नहीं खोली है

अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले.. तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा…!!

ये ज़रूरी है कि

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे नींद रखो या न रखो ख़्वाब मे यारी रखो |

सुलग रहे है

सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान, रोक ले अपनी बाहों में तू, आज मेरे तूफ़ान |

हाथ बेशक छूट गया

हाथ बेशक छूट गया, लेकिन वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया..

ये शाम कबसे बेकरार है

ये शाम कबसे बेकरार है ढलने को. तू इक दफे आँचल में अपने मुझे संभालने की ख्वाहिश तो कर|

जीना है सब के साथ

जीना है सब के साथ कि इंसान मैं भी हूँ, चेहरे बदल बदल के परेशान मैं भी हूँ !!

मोहब्बत की किताब

कैसे लिखोगे मोहब्बत की किताब तुम तो करने लगे पल पल का हिसाब|

लफ्ज़ पहचान बने

लफ्ज़ पहचान बने मेरी तो बेहतर है..!! चेहरे का क्या है, साथ ही चला जाएगा एक दिन…!!

खुद को गिरा कर

माना कि औरों के जितना मैंने पाया नहीं.. मगर खुश हूँ.. कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नहीं..!!!

उदास राहों में

जिंदगी की उदास राहों में कभी यूं भी होता है…. इंसान खुद ही रो पडता है औरो को हौंसला देते देते…

Exit mobile version