फिर गलत फहमी में

फिर गलत फहमी में डाल कर चल दिये अब जाते जाते मुस्कराना जरुरी था क्या….

जिंदगी को इतनी सस्ती

जिंदगी को इतनी सस्ती भी मत बनाओ, की दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाये !!

आखों में भी चमक आ जाए..!!

जीवन को इतना शानदार बनाओ, कि आपको याद करके किसी निराश व्यक्ति की आखों में भी चमक आ जाए..!!

एक नींद है

एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती, और एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है।

पत्थर लिए हर मोड़ पे

पत्थर लिए हर मोड़ पे कुछ लोग खड़े हैं इस शहर में कितने हैं मिरे चाहने वाले|

रूबरू होने की

रूबरू होने की तो छोड़िये, लोग गुफ़्तगू से भी क़तराने लगे हैं……ग़ुरूर ओढ़े हैं ,रिश्ते..अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं|

लौटाना भूल जाते हैं !

मोहबत भी एक उधार की तरह है.. लोग ले तो लेते हैं लौटाना भूल जाते हैं !

ख़ामोश सा माहौल

ख़ामोश सा माहौल और बेचैन सी करवट है… ना आँख लग रही है और ना रात कट रही है…

आज फिर तुम्हे

आज फिर तुम्हे भुलाने बैठे हम, आज फिर तुम्ही याद आते रहे।।

अजीब लहजे में

अजीब लहजे में पूछी थी खैरियत उसने जवाब देने से पहले ही छलक गई आँखें मेरी|

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