ज़िन्दगी जब देती है तो अहसान नहीं करती
और जब लेती है तो लिहाज़ नहीं करती !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी जब देती है तो अहसान नहीं करती
और जब लेती है तो लिहाज़ नहीं करती !!
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
जीत निश्चित हो तो,
कायर भी जंग लड़ लेते है !
बहादुर तो वो लोग है ,
जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते !
भरोसा अगर ” ईश्वर ” पर है,
तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !
मगर , भरोसा यदि ” खुद ” पर है ,
तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!
उनकी आँखो की गहराई का दीदार
कर ना पाए,
दिल ने की कोशिश बहुत पर प्यार कर
ना पाए,
क्या कशिश थी उनकी आँखो मे,
उन्होने दी इज़ाज़्त् और हम इज़हार कर ना पाए…
वक्त ने बदल दिए तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा
,पहले दोस्ती,फिर प्यार,और फिर अजनबी सा अहसास|
परख कर भी ख़ुद को अकेला पाओगे
किसी को क्यूँ अपने जैसा बनाओगे|
रिश्ते संजोने के लिए एक इंसान झुकता चला गया
और लोगों ने इसे उस की औकात समझ लिया..
तुम कर लो नजरंदाज अपने हिसाब से…
हम तो मोहब्बत बेहिसाब ही करेंगे..
वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी
कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी|
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा …
तुम्हारी वक्त से कुछ अच्छी साझेदारी है,
कहो न उसे मेरे लिए भी बदल जाए,
बहुत वक्त होगया मन जो बेफिक्र-सा हुआ हो।