आदत नही है ….पीठ पीछे वार करने की .. दो शब्द ….. कम बोलते है …पर सामने बोलते है ..
Category: Hindi Shayris
खेलने दो उन्हें
खेलने दो उन्हें जब तक जी न भर जाए उनका,
मोहब्बत 4 दिन की थी तो शौक कितने दिन
का होगा…..
मेरी खता इतनी थी
मेरी खता इतनी थी की जीना ना आया
दिमाग वालो की बस्ती थी और
मुझे दिल को कहाँ रखना हैं समझ ना आया।
ना थी मेरी तमन्ना
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन,
मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती है….!!
आसान नही है
आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना।
हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं।।
तेरे अहसास की खुश्बू
तेरे अहसास की खुश्बू इस कदर भर गयी है…..
इत्र कोई भी हो मुझमे महकते तुम ही हो…..
सांसों की महक
सांसों की महक हो या चेहरे का नूर……चाहत है आपसे इसमें मेरा क्या कसूर..…
जो उड़ गए परिन्दे
जो उड़ गए परिन्दे उनका अफ़सोस क्यों करूँ,
यहाँ तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते हैं|
तुझसे दूर भी हूँ मैं
तुझसे दूर भी हूँ मैं ..और पास भी..
कहने को खुश भी हूँ मैं और उदास भी…
खुद को बहलाने की
खुद को बहलाने की इक तरकीब सुझा रक्खी है,
उलझनों के सिरहाने इक उम्मीद बिठा रक्खी है।।