ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं।
यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं।
यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!
हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नक़ाबों में,
हर इक क़िरदार खुलता है, कहानी ख़त्म होने पर…!!
मयखाने से पूछा आज,इतना सन्नाटा क्यों है,
.
मयखाना भी मुस्कुरा के बोला,
लहू का दौर है, साहेब
अब शराब कौन पीता है…..!!……..
ख्वाइश बस इतनी सी है कि तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो
आरज़ू ये नहीं कि लोग वाह – वाह करें…!!
?” रिश्ता “?
कई लोगों से होता है , मगर …
कोई प्यार से निभाता है तो …
कोई नफरत से निभाता है ..
?” दर्द “?
सभी इंसानो मे है
मगर …
कोई दिखाता है तो …
कोई छुपाता है …..
?” हमसफर “?
सभी है मगर …
कोई साथ देता है तो …
कोई छोड देता है …..
कभी मिल सको तो पंछीयो की
तरह बेवजह मिलना ए दोस्त,
वजह से मिलने वाले तो न जाने
हर रोज कितने मिलते है ।
?” प्यार “?
सभी करते है मगर …
कोई दिल से करता है तो …
कोई दिमाग सें करता है
रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है,
वो माँ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?