जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके;
जिसको चाहा उसे हम पा न सके;
यह समझ लो दिल टूटने का खेल है;
किसी का तोडा और अपना बचा न सके।
Category: Hindi Shayri
जाते वक़्त उसने
जाते वक़्त उसने बड़े गुरूर से कहा था,
तुझ जैसे लखो मिलेंगे,
मैने मुश्कुराके के पूछा,
मुझ जैसे की तलाश ही क्यू|
रास्ता सुझाई देता है
रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है…
कुछ मीठी सी ठंडक
कुछ मीठी सी ठंडक है आज इन हवाओं में, शायद दोस्तो की यादों का कमरा खुला रह गया है…!
गुनहगारों की आँखों में
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं, यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं..!
चेहरे पर जो
चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं|
जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो …
जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो उजालों में चिरागों के कोई मायने नहीं होते।
एक दिन इस
एक दिन इस दुनियाँ से हम चले जायेंगे !
हजारों तारों में हम आपको नज़र आयेंगे !!
आप कोई ख्वाइश खुदा से माँगना….!!
हम उसे पूरा करने के लिए उसी वक्त टूट जायेंगे !!
महक होती तो
महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!
मुझे उससे कोई
मुझे उससे कोई शिकायत ही नहीं,
शायद हमारी किसमत में चाहत ही नहीं,
मेरी तकदीर को लिखकर खुदा भी मुकर गया,
पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट ही नही..