शायरी के शोंक ने इतना तो काम कर दिया,
जो नहीं जानते थे उनमें भी बदनाम कर दिया।।
Category: Hindi Shayri
अगर पलक पे है
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का……
हाथ बेशक छूट गया
हाथ बेशक छूट गया,
लेकिन
वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया|
तुझको देखा तो
तुझको देखा तो फिर किसीको नहीं देखा।
चाँद कहता रहा ..मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ ।
उनकी फितरत परिंदों सी
उनकी फितरत परिंदों सी थी,मेरा मिज़ाज दरख़्तों जैसा,
उन्हें उड़ जाना था…..और मुझे कायम ही रहना था !!
तुम्हारी क़िताबों में
तुम्हारी क़िताबों में
कोई नशा है क्या,
पढते पढते सो जाती हो |
कोई नही आएगा
कोई नही आएगा मेरी जिदंगी मे
तुम्हारे सिवा,
एक मौत ही है जिसका मैं
वादा नही करता…….. ।।
जिंदगी मेरे कानो मे
जिंदगी मेरे कानो मे अभी होले से कुछ कह गई,
उन रिश्तो को संभाले रखना जिन के
बिना गुज़ारा नहीं होता|
जो अंधेरे की तरह
जो अंधेरे की तरह डसते रहे ,अब उजाले की कसम खाने लगे
चंद मुर्दे बैठकर श्मशान में ,ज़िंदगी का अर्थ समझाने लगे!!
यूँ असर डाला है
यूँ असर डाला है मतलबी लोगो ने दुनियाँ पर,हाल भी पूछो तो लोग समझते है की कोई काम होगा…