उनकी गहरी नींद का मंजर कितना हसीं होता होगा…..
तकिया कहीं,जुल्फें कहीं और वो खुद कहीं।।
Category: Hindi Shayri
रोज सोचता हूँ
रोज सोचता हूँ तुझे भूल जाऊ, रोज यही बात…. भूल जाता हूँ
रात भर बातें करते हैं
रात भर बातें करते हैं तारे
रात काटे किधर कोई तनहा…
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलते…
रिश्ते एक बार बनते हैं… फिर जिंदगी रिश्तो के साथ साथ चलती है… !
मेरे हिस्से की
मेरे हिस्से की दुनिया बनाई ही नहीं गई
तेरे नाम की साँसों के संग जी रहा हूँ मैं…
सुबह को कुछ है
सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और,
गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
यूँ ना देखा करो
यूँ ना देखा करो खुदा के लिये,हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
बिन बुलाये आ जाता है
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..
यही हुनर है
यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..
एक बहाने कि जरुरत
हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत,
रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी…..