मैं सर के बल

मैं सर के बल गिरा था गुनाहों के बोझ से
दुनिया समझ रही थी के सजदे मैं पडा है
मैं जब गया सजदे मैं तो लोगों ने ये कहा
ज़ालिम ने बहुत पी ली जो मदहोश पडा है…

अब ना करूँगा

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने,.
दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यू करना….!!!