हस्ती मिट जाती है

हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे..

काम किसी के

काम किसी के आये इंसान उसे कहते हैं,
दर्द पराया उठा सके इंसान उसे कहते हैं,
दुनियाँ एक पहेली कहीं धोखा कहीं ठोकर,
गिर के जो संभल जाये इंसान उसे कहते हैं।