मकड़ी भी नहीं फँसती, अपने बनाये जालों में।
जितना आदमी उलझा है, अपने बुने ख़यालों में…।।
Category: Hindi Shayri
बेहिसाब हसरतें न पालिये
बेहिसाब हसरतें न पालिये.
जो मिला है उसे संभालिये..!
कितना भी समेट लो..
कितना भी समेट लो..
हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब..बदलता ज़रूर है…
मोहब्बत सिर्फ देखने से
मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं,कभी कभी बातो से भी हो जाती है…
गया वो वक़्त जब
गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
कोई उन्हें भी नौकरी दे
कोई उन्हें भी नौकरी दे दो
दिल तोडने की डिग्री है उनके पास…
उम्मीदों के ताले पड़े
उम्मीदों के ताले पड़े के पड़े रह गए,तिज़ोरी उम्र की, ना जाने कब ख़ाली हो गई !!
संदेशा प्रेम का
संदेशा प्रेम का देता फिरता है वो घर दिलों में सभी के ही बना देता है!
रात को अक्सर
रात को अक्सर ठीक से नींद ही नहीं आती,
घर की किश्तें कम्बखत चिल्लातीं बहुत हैं ।
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक रात आ जाओ,
तकल्लुफ से, बनावट से, अदा से…चोट लगती है।