क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा,
अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा,
हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है,
क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!
Category: Hindi Shayri
मुमकिन नहीं है
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से
लिखना……….!!
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख
लो…….!!
खुद ही दे जाओगे
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
बड़े अजीब हैं
बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं…!!
दरख़्त ऐ नीम हूँ
दरख़्त ऐ नीम हूँ, मेरे नाम से घबराहट तो होगी,
छांव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी…
कर्म भूमि पर
कर्म भूमि पर फल के किये श्रम सबको करना पड़ता है..
रब सिर्फ लकीरें देता है, रंग हमें खुद भरना पड़ता है !!
बहक जाने दे
बहक जाने दे, मुझे मुल्क की मोहब्बत में ,
यह वो नशा है, जो मेरे सिर से कभी उतरता नहीं …
मैं शिकायत क्यों करूँ
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं….
उनकी नजाकत तो देखिये
उनकी नजाकत तो देखिये साहब….
“चाँद सा” जब कहा
तो
कहने लगे” चाँद कहिये ना ”
ये ” चाँद सा ” क्या है…
मेरी आवारगी में
मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।