कट रही है ज़िंदगी रोते हुए….
और वो भी तुम्हारे होते
हुए…||
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए….
और वो भी तुम्हारे होते
हुए…||
चलो मान लिया हमने के हमे मोहब्बत करनी नहीं आती….
तुम बताओ “ऐ जान”
तुम्हे दिल तोड़ना किसने सिखाया….,
सुनो तुम दिल दुखाया करो इजाजत है….
बस कभी भूलने की बात मत करना…
अश्क भरकर लिख देती है रंजोगम को
मेरे हाथों को वो ऐसी एक कलम दे गया
मझधार तक पहुँचना तो हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफ़ान बन गये|
अब कुछ नहीं मेरी रग रग में, रेंगती है तु मेरी नस नस में
आया हूँ याद बाद-ए-फ़ना उनको भी
क्या जल्द मेरे सीख पे इमान लाये हैं|
आज वो मिली …..
जो नींद में आकर…नींद से उठा देती थी…!!!
नीँद को इंतजार की आदत न डालो………..
..
जो रूठ गई तो मुश्किल होगी.!!!!!!!
ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते..
साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडूंगा…!