दौलत छोड़ी दुनिया
छोड़ी सारा खज़ाना छोड़
दिया;
माँ के प्यार में दीवानों ने राज घराना
छोड़ दिया;
.
दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम अपनी माँ का;
मुसीबत
ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दौलत छोड़ी दुनिया
छोड़ी सारा खज़ाना छोड़
दिया;
माँ के प्यार में दीवानों ने राज घराना
छोड़ दिया;
.
दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम अपनी माँ का;
मुसीबत
ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया।
बुलंदियों का बड़े से
बड़ा निशान छुआ,
उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ
कब से
धुप सेंकने के बहाने छत पर हूँ,
पर वो बाल सुखाने नहीं आई अभी
तक।।।
कैसा है ये इश्क और कैसा हैं ये प्यार ,जीते-जी जो मुझ से , तुम दूर जा रहे हो..
कौन है इस जहान मे जिसे धोखा नही मिला,
शायद वही है ईमानदार जिसे मौका नही मिला…
तुम से बेहतर तो तुम्हारी निगाहें थीं,
कम से कम बातें तो किया करतीं थीं…
कहाँ खर्च करूँ , अपने दिल की दौलत…
सब यहाँ भरी जेबों को सलाम करते हैं…
एहसास जब जुड़ते है तब भी महसूस होते है
एहसास जब टूटते है तब रूह को चीर देते है”
जब से खुद से समझोता किया है
मानों हर पल टूट रहा हूँ मैं..
दुसरो को उतनी ही जल्दी क्षमा करो,
जितनी जल्दी आप ऊपर वाले से अपने लिए क्षमा चाहते हैं।