मेरे हर किस्से में तुम आते हो !!!
पर मेरे हिस्से में कब आओगे ?
Category: Hindi Shayri
अजब हाल है
अजब हाल है
आदमी की शख्शियत का,..
हवस खुद की उठती है
तवायफ उसको कहता है…
मुझे दर्द दिया है!
नफरत ही सही तुमने मुझे कुछ तो दिया है!
इतनी बड़ी दुनिया में मुझे तन्हा किया है!
मैं तुमसे शिकायत भी यार कर नही सकता,
रब ने ही वसीयत में, मुझे दर्द दिया है!
तुम मुझको आंसुओं की, ये बूंदें न दिखाओ,
मैंने तो आंसुओं का समुन्दर भी पिया है!
जाने क्यूँ दर्द ज़ख्मों से बाहर निकल आया,
ज़ख्मों का तसल्ल्ली से रफू तक भी किया है!
तुम मुझे कोई उजाला न दिखाओ,
अब मेरा ही दिल मानो कोई जलता दिया है!”
ज़मीं पर वो
ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है…
उनका तो टाइम पास हो जाता है
कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है
ज़ालिम ने फ़रमाया
जलती हुई cigarate को देख कर ज़ालिम ने फ़रमाया , दिल को जलाती हे पर होठो तक तो आती हे….
लोग वाह वाह करें
ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो…. आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें..
अजीब चीज बनायीं
मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,तेरे ही मंदिर में, तेरी ही मस्जिद में, तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हैं, तुझे नहीं,किसी और को पाने के लिए!
आँखों में नज़र
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को; अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।
बेक़सूर कौन होता
बेक़सूर कौन होता हैं इस ज़माने में
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते।।
इश्क में हूँ
मैं वो हूँ जो आँखों में आँखे डाल के सच
जान
लेता हूँ,
इश्क में हूँ बस इसलिए तेरे झूठ भी सच मान
लेता हूँ !