मैं तो बस

मैं तो बस युही गुनगुना रहा था…..”कभी जो बादल बरसे”…
.खुदा ने तो सीरियस्ली
ले लिया….!!!!

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं..

वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.

पैसे मैं भले

पैसे मैं भले ऊपर नहीं लेकर जाऊंगा,मगर जब तक मैं नीचे हूँ,ये मुझे बहुत ऊपर लेकर जाएगा…

कोई हसरत नहीं

जिन्दगी में हसरतों की यूँ तो कोई कमी नहीं,
पर ना जाने क्यों तुम्हारे सिवा और कोई हसरत नहीं.

यादों का तकिया

तेरी यादों का तकिया, लगाता हूँ जब भी सिरहाने,
उदासियां आ जाती है, तन्हाइयों की चद्दर उढाने..

गजब की जगह है

यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो….

जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है…!!