ताकत पे सियासत की ना गुमान कीजिये,
इन्सान हैं इन्सान को इन्सान समझिये।
यूँ पेश आते हो मनो नफरत हो प्यार में,
मीठे बोल न निकले क्यूँ जुबां की कटार से।
खुद जख्मी हो गये हो अपने ही कटार
से,
सच न छुपा पाओगे अपने इंकार से।
आँखें भुला के दिल के आईने में झाकिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान ही समझिये।
कैसी ख़ुशी है आप को ऐसे आतंक से ?
कैसा सकुन बहते हुए खून के रंग से
तलवारों खंजरों में क्यूँ किया सिंगार है,
आप भी दुश्मन हैं आपके इस जंग में।
खुद से न सही अपने आप से डरिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान समझिये।
खुद का शुक्र है आप भी इन्सान हैं,
इंसानियत से न जाने क्यूँ अनजान हैं।
शुक्र कीजिये की खुदा मेहरबान है,
वरना आप कौन ? क्या पहचान है।
सच यही है, अब तो ये जान लीजिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान समझिये।
Category: Hindi Shayri
सारी दुनिया लगी है
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है,
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो..
इंतज़ार रहता है
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा;
यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा;
मुद्दत से बैठे हैं इंतज़ार में तेरे…
कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा…
अमीर होती है
बहुत अमीर होती है ये शराब
की बोतलें…
पैसा चाहे जो भी लग जाए पर सारे ग़म ख़रीद
लेतीं है…
जीने की आदत
इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…
कोई ज़रुरत नहीं
कसम की कोई ज़रुरत नहीं मुहब्बत को
तुझे कसम है, खुदा को भी दरमियां रखना
चैन क्यो नहीं पड़ता
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहान में क्या?
दुश्मन के सितम
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,…..
…,हम तो आपं के रूठ जाने से डरते हैं…
काश तुम भी
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह,न वख्त देखो,ना बहाना देखो,बस चले आओ !!
राख ही हुए हैं
अभी तो राख ही हुए हैं तुझे पाने की चाह में
अभी तो बिखरने का खेल बाकी है