थोड़ी सी तमीज़ मुझे भी फ़रमा मेरे मौला,
रंज़िश के इस दौर मे और भी बेख़ौफ़ होता जा रहा हूँ|
Category: Hindi Shayri
जिसको भी देखा रोते हुए
जिसको भी देखा रोते हुए ही देखा…
मुझे तो ये “मोहब्बत” साजिश लगती है रुमाल बनाने वालो की…
हमे दुवाए दिल से
हमे दुवाए दिल से मिली है,…!!!!
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला.
जागने वाले तुझे
जागने वाले तुझे ढूंढते ही रह जाएंगे…
मैं तेरे सपने में आकर तुझे ले जाऊँगा
हुजूर मेरी तरफ
हुजूर मेरी तरफ गौर तो कीजिये,फकीर ये नही कहता गले लगा लीजिये !!
ये नया शहर
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने….
क्यों पुराना हुआ वीरान जरा देख तो लो…
वो लोग भी चलते है
वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर …
जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…!
आती है ऐसे
आती है ऐसे बिछड़े हुए दोस्तों की याद,
जैसे चराग जलते हों रातों को गांव में।
कुछ बातों के मतलब हैं
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें जब से ये फर्क जाना, जिंदगी आसान बहुत हो गई |
तुम संग हूँ
तुम संग हूँ तुम बिन सही तुम धड़कन हो तुम दर्द सही ……