सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें ,इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।
Category: Hindi Shayri
अर्थ लापता हैं
अर्थ लापता हैं या फिर शायद शब्द खो गए हैं,
रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते….
तुम आसमाँ की
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आना
हमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है..!
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला…!
अक्सर रूठ जाते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम
असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…
हम-सफ़र चाहिए
हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं..
इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे..
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है
चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।
यूँ तो मशहूर हैं
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!!
मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
वो बोले मुझे
वो बोले मुझे विरानियाँ पसँद है,
हमने कहा मेरे दिल की सैर कर लो
जितनी मुझे सजा मिली..
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली,
बन के बेवफा मिली…..
इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे,
जितनी मुझे सजा मिली..