दिल धड़कने लगता है ख़यालों से ही,
ना जाने क्या हाल होगा मुलाक़ातों में.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल धड़कने लगता है ख़यालों से ही,
ना जाने क्या हाल होगा मुलाक़ातों में.
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती…
लगता है आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है,
चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफ़ा है..
सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो……
निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है…….!!!
दुख फ़साना नहीं के तुझसे कहें
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें
आज तक अपनी बेकली का सबब
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें|
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भूलने से पहले,
बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले|
मैं दुनिया भर की तारीफे
तेरे सजदे ने लाया हूँ
मैं तुमसे इश्क़ करने की
इजाजत रब से लाया हूँ ।।
पानी की कमी तो होनी
ही थी शहर में….
न तेरी आँख में
बचा है न मेरी आँख में…
वो कुछ चुप सा रहता है ..
थोड़ा मशरुफ सा रहता है..
पुरानी फितरत है वो
अब भी थोड़ा दुर सा रहता है..।