ठान लिया था कि अब और नहीं
लिखेंगे पर क्या करें जनाब येअधूरी मोहब्बत
ही ऐसी चीज़ है
Category: Hindi Shayri
हम भी कभी
हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे,
पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!
दिल अब भी चोंक जाता है
दिल अब भी चोंक जाता है उसके नाम से, जाने क्यों उसका नाम सुना जाता है कोई,
आज भी उलझे है हम, बस इक सवाल पे, जाने क्यों फिर आकर चला जाता है कोई…
मैं शिकायत क्यों करूँ ,ये तो नसीब की बात है-मैं तेरे ज़िक्र” में भी नहीं और मुझे तू हर “लफ्ज़” में याद है.
खफा जिदंगी को
चलो ,खफा जिदंगी को मनाते हैं….
चूम कर पेशानी वक्त की….
बस मुस्कराते हैं..
अब तो हम
अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गये
बातो के सिलसिले भी कम हो गये
खुशियो से ज़्यादा हमारे पास गम हो गये
क्या पता ये वक़्त बुरा है
या बुरे हम हो गये…!!!
मुझे आजमाने वाले
मुझे आजमाने वाले
शख्स तेरा शुक्रिया
मेरी काबिलियत निखरी है
तेरी हर आजमाइश के बाद…
वो लोग भी चलते है
वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर..
लाख तलवारे बढ़ी
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ; सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे.
बूँदों का सबब
बूँदों का सबब समझ सकता है वही
जो वाकिफ हो भींग जाने के हुनर से!!
वो बदजुबां हुए
वो बदजुबां हुए
हम बेजुबाँ..
इतनी सी दास्ताँ थी
बदगुमानी में खत्म हो गई !