तुमने तो फिर भी सीख लिया नसीहतें देना..
हम कुछ न कर सके, मोहब्बत के सिवा.. !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुमने तो फिर भी सीख लिया नसीहतें देना..
हम कुछ न कर सके, मोहब्बत के सिवा.. !!
किफायती दाम पर मिला था इश्क…..
मुफ्त में खो दिया….
दुनिया के डर से!!!
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना…
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है तुमसे|
कभी आ पलट कर उस मोड़ पर तू भी..
जिस मोड़ पर अकेला छोड़ा था मुझको..
ज़िंदगी मुख्तसर ही मिली थी हमे,
हम ही हसरते बेशुमार कर बैठे..
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना…
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है तुमसे|
तेरी निगाह में होते,, तो आसमाँ होते…
भटकते फिरते हैं हम,, आज बादलों की तरह.!!
कहे जख्मी दिल
आघात अब कोई सह न सकूँगा
रोने का हिम्मत नही ना ही मुस्करा सकूँगा
ना ही घावो को भर सकूँगा
आघात अब न देना कोई सह न सकूँगा।
तुम कभी कभी यूं किया करो..!
छोड़ो मेरी शायरी , दिल पढ़ लिया करो..!!
जिन्दगी की उलझनों ने कम कर दी हमारी शरारते और लोग समझते हैं कि हम समझदार हो गये।