खुद को कमजोर ना समझना,
खुद की अंदर की ताकत कों पहचानों,
फिर जिंदगी की हर जंग में फतेह तुम्हारी ही होंगी….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुद को कमजोर ना समझना,
खुद की अंदर की ताकत कों पहचानों,
फिर जिंदगी की हर जंग में फतेह तुम्हारी ही होंगी….!!
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
की मुहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया,
हम अगर प्यार ना करते तो हुकूमत करते…
पथ के पहचाने छूट गए,
पर साथ साथ चल रही याद।
जिस जिससे पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।
आभारी हूँ मैं उन सबका,
दे गए व्यथा का जो प्रसाद।
जिस जिससे पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।
प्यार किसी रिश्ते का नाम नहीं है,
ये वो रोशनी है जिसमे भगवान दिखाई देते है..
जो उड़ गये परिन्दे उनका अफसोस क्या करुँ…
यहाँ तो पाले हुये भी गैरो की छत पर उतरते है…
मैं इतनी छोटी कहानी भी न था,
तुम्हें ही जल्दी थी किताब बदलने की।।
कोशिश में हूँ कि कह दूँ सब कुछ इस क़दर,
तेरा नाम भी ले लूँ और तेरा जिक्र भी ना हो…
माफ़ी चाहता हूँ गुनाहगार हूँ तेरा ऐ दिल…!! तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं…!!
जब कभी भी ख़वाब में सहरा नज़र आया मुझे।
तिश्नगी में हमें मेरे मौला बस तेरा चेहरा नज़र आया मुझे।।