लफ्जों से फतह करता हूँ
लोगों के दिलों को…”यारों…!”
मैं ऐसा बादशाह हूँ जो
कभी लश्कर नहीं रखता हूँ…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लफ्जों से फतह करता हूँ
लोगों के दिलों को…”यारों…!”
मैं ऐसा बादशाह हूँ जो
कभी लश्कर नहीं रखता हूँ…!
चलो इश्क़ में कुछ यु अंदाज़ अपनाते हैं तुम आँखें बंद करो हम तुम्हे सीने से लगाते हैं|
देख के दुनिया को हम भी बदलेंगे अपने मिज़ाज ए ज़िन्दगी ….
..राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं|
हर बात मानी है सर झुकाकर तेरी ए ज़िन्दगी ….
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्ते मान मेरी……
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे
को सलाम…
मंजिल पता है के मौत है
फिर भी दौड रही है….।।
जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर,
के आओ
सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें…
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते|
फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से,
जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।
कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता
एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता|
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए..
साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!