बड़ा सख्त मिज़ाज है वो शख्स,
उसे याद रहता है कि मुझे याद नहीं करना…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बड़ा सख्त मिज़ाज है वो शख्स,
उसे याद रहता है कि मुझे याद नहीं करना…
वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया,
ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..
एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है
और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.
रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!
जख्म कैसे दिखाऊं ये तुमको….
सबने मिल के मुझे सताया है…
ये भी मुझे नही मालूम…
किस मोहल्ले में है मकान तेरा..
रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इंसाफ़ क्या होगा
किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा
आज इतना महसूस किया खुद को
जैसे लोग दफन कर के चले गए हो मुझे|
सफ़र का लुत्फ़ लेना है तो सामान कम रखिये.. और जिंदगी का लुत्फ लेना है तो दिल मैं अरमान कम रखिये..
वो एक ख़त जो तूने कभी मुझे लिखा ही नहीं…?
देख मै हर रोज़ बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ….