बहुत सोंचा बहुत समझा बहुत देर तक परखा,
तनहा हो के जी लेना
मोहब्बत से बेहतर है!
Category: Hindi Shayri
कोई ना दे
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है…i
पसंद करने लगे हैं
पसंद करने लगे हैं अब शायरी मेरी मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने ही नहीं की।
लब ये ख़ामोश रहेंगे..
लब ये ख़ामोश रहेंगे… ये तो वादा है मेरा…!
कुछ अगर कह दें निगाहें… तो ख़फा मत होना…
कैसे छोड़ दूँ
कैसे छोड़ दूँ साथ तेरा प्रिय ,जीवन की ढलती शामों में ….!
धूप -छाँव की साथी हो ,मेरे सुख -दुःख की राहों में …..!!
मयखाने की इज्जत
मयखाने की इज्जत का सवाल था,
बाहर निकले तो हम भी थोडा लड़खड़ा के चल दिए….
बदल जाते हैं
बदल जाते हैं वो लोग वक्त की तरह;
जिन्हें हद से ज्यादा वक्त दिया जाता है!
कुछ मीठा सा
कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों में;
वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये!
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में, “वफ़ादार” तो हमेशा तनहा ही मिलते हैँ…
देखे जो बुरे दिन
देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई,
इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।