ये हसीन सुबह

ये गुलाबी ठंड, ये हसीन सुबह और उस पर तौबा तुम्हारी इतनी याद, सुनो..
कभी तो तुम भी यूँही हमसे मिलने चले आओ

बस एक यही

बस एक यही झिझक है हाल-ऐ-दिल सुनाने मे,

की तेरा जिक्र भी आयेगा इस फ़साने मे।।