लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं——
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं——
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..
बस के कंडक्टर सी हो गयी है
जिंदगी ।
सफ़र भी रोज़ का है और
जाना भी कही नहीं।…..
नींद और मौत में क्या फर्क है…?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है….
“नींद आधी मौत है”
और
“मौत मुकम्मल नींद है”
कैसी गुज़र रही है,सभी पूछते हैं,
कैसे गुजारता हूँ,कोई पूछता नहीं !
ये तो अच्छा है कि मेरे हर ख़्वाब पूरे नहीं होते..
वरना मेरे दोस्त किन-किन को भाभी जी कहकर बुलाते..!!
उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ, किसी से हमदर्दी की..!
!.
बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले…!!
Tu Laakh Diye Jala Le Apni Gali Me
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MaGar RoShni To Hamare Aane Se Hi HoGi
उम्र भर सोचा किए कर लेंगे तौबा एक दिन
मौत यूं आई के तौबा रह गई हम चल दिए
सुबह सुबह चूम लिया नींद भरी आँखों को,
तू ये बता, “अब सुला रहा हैं की जगा रहा हैं..??”
Vada yaar ne kya khub nibhaya,
Muft me zakham-o-dard ka tohfa bhijwaya.
Wafa ki misaal aur kya hogi,
Maut se pehle hi wo kafan le aaye.