उम्र की ढलान में

उम्र की ढलान में “इश्क़” होना कोई अचरज की बात नही ं गेंद जब पुरानी हो जाती है तब “रिवर्स स्विंग” लेती है…।

कैसी भी हो एक बहन

कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….। . बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली. छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥ . बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली, छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥ . छोटी हो या बड़ी, छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन… Continue reading कैसी भी हो एक बहन

बहुत मासूम हसरत

बहुत मासूम हसरत है बताओ क्या किया जाए, मुझे तुम से मोहब्बत है बताओ क्या किया जाए

मुझे भी ज़िन्दगी

मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना.. सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो..

रोज हर मोड़ पर

रोज हर मोड़ पर तु मुझे मिल जाती है. ऐ उदासी, कहीं तु भी मेरी दीवानी तो नही है.

तुम जरा हाथ

तुम जरा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही लोग जल जाएंगे महफ़िल में चिरोगों की तरह

भूलना भी हैं

भूलना भी हैं…जरुरी याद रखने के लिए.. पास रहना है..तो थोडा दूर होना चाहिए..

इन्सानियत की रौशनी

इन्सानियत की रौशनी गुम हो गई कहाँ… साये हैं आदमी के मगर आदमी कहाँ..

Exit mobile version