सच की हालत किसी तवायफ सी है, तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही.
Category: Heart Touching Shayri
कहाँ छुपा के
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफत ! जिधर भी देखता हूँ !! उधर बेईमान खड़े हैं !
अभी तो तड़प
अभी तो तड़प-तड़प के दिन के उजालों से निकला हू… . न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.
जरूरतें भी जरूरी हैं
जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन … तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..
आज दिल में एक
आज दिल में एक अजीब सा दर्द है मेरे मौला । ये तेरी दुनिया है! तो यहाँ इंसानियत क्यों मरी है।
एक उसूल पर
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें, जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..
ये जो खामोश से
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना, पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के हैं..
त्यौहार के बहाने
त्यौहार के बहाने ही सही… रिश्ते घर तो लौट आते है..
जो प्यासे हो
जो प्यासे हो तो अपने साथ रक्खो अपने बादल भी ये दुनिया है विरासत में कुआँ कोई नहीं देगा
इन्हीं पत्थरों पे
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है