तुझे शिकायत है
कि मुझे बदल दिया वक़्त ने…!कभी खुद से भी सवाल कर’क्या तूं वही
है’…….?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुझे शिकायत है
कि मुझे बदल दिया वक़्त ने…!कभी खुद से भी सवाल कर’क्या तूं वही
है’…….?
ज़माने तेरे सामने
मेरी कोई हस्ती नहीं,लेकिन कोई खरीद ले इतनी भी ये सस्ती नहीं…
जो हैरान हैं मेरे
सब्र पर उनसे कह दो.., जो आसूँ जमीं पर नहीं गिरते, अकसर दिल चीर
जाते है ……!
तुम एक महंगे खिलोने हो
और मै एक गरीब का बच्चा,
मेरी हसरत ही रहेगी तुझे अपना बनाने की !!
सवालों में ही रहने दो मुझको…
यकीं मानिए…
मैं जवाब बहुत बुरा हूँ…
ना चाहते हुवे भी साथ छोड़ना पड़ा,,
मज़बूरी मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती है…
सुख कमाकर दरवाज़े से घर में
लाने की कोशिश करते रहे ,
पता ही ना चला कि कब ….
खिड़कियों से उम्र निकल गई .
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले…
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”