कोई तो लिखता होगा

कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,

वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….

कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!

हल निकलेगा आज

कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नही तो, कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सा निशाना साध,
जमीन से भी जल निकलेगा ।

मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा ।

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा ।

जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा ।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा-थमा सा, वो चल निकलेगा ।