ठोकरें खाने के बाद

तमाम ठोकरें खाने के बाद, ये अहसास हुआ मुझे.. कुछ नहीं कहती हाथों की लकीरें,खुद बनानी पङती हैं बिगङी तकदीरें

खूबसूरती से धोका

खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!

कदर ना करना

हम तुम्हें मुफ्त में जो मिले है,कदर ना करना हक है तुम्हारा

अगर यूँ ही

अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप…. तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….!

दहेज से जली बेटी

दहेज से जली बेटी को बाप ने जब आग देनी चाही तो लाश कराहते हुए बोल पड़ी “बाबूजी फिर मत जलाओ., जलने पर बड़ा दर्द होता है….!!

जिन्दगी इसी को

दिल के टूट जाने पर भी हँसना, शायद “जिन्दादिली” इसी को कहते हैं। ठोकर लगने पर भी मंजिल के लिए भटकना, शायद “तलाश” इसी को कहते हैं। सूने खंडहर में भी बिना तेल के दिये जलाना, शायद “उम्मीद” इसी को कहते हैं। टूट कर चाहने पर भी उसे न पा सकना, शायद “चाहत” इसी को… Continue reading जिन्दगी इसी को

मीठे बोल बोलिये

मीठे बोल बोलिये क्यों की अल्फाजो में जान होती है इन्ही से आरती अरदास और अजान होती है दिल के समंदर के वो मोती है जिनसे इंसान की पहचान होती है मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी दुआओ के ड़ाल दे ऐ दोस्त क्या पता तेरे लब हिले और मेरी तकदीर संवर जाय मेरी प्रार्थना… Continue reading मीठे बोल बोलिये

हल निकलेगा

कोशिश कर, हल निकलेगा आज नही तो, कल निकलेगा। अर्जुन के तीर सा सध, मरूस्थल से भी जल निकलेगा। मेहनत कर, पौधो को पानी दे, बंजर जमीन से भी फल निकलेगा। ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा। जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को, गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।… Continue reading हल निकलेगा

घोंसले की फिक्र

घोंसले की फिक्र नें कैदी बनाकर रख दिया.. पंख सलामत थे मेरे पर मैं उड़ न सका…!!

बिना मतलब के अल्फ़ाज़

तुम बिन कुछ यूँ हूँ मैं… जैसे बिना मतलब के अल्फ़ाज़

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