अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,,,,
वरना तो इन आँखो में
बहुत कुछ दफन है….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,,,,
वरना तो इन आँखो में
बहुत कुछ दफन है….!
तुझे भुलाने के
हज़ार तरीक़े सोचता रहा रात भर,
और इस तरह तेरी याद में एक रात
और गुज़र गयी.
वफ़ा करनी भी सीखो इश्क़ की नगरी में ए दोस्त…
फ़क़त यूँ दिल लगाने से दिलों में घर नही बनते…
लाओ पोंछ दूँ तुम्हारे माथे का
पसीना, ऐ अज़ीज़ हसरतों……..!
तुम भी थक गयी होगी, मेरी जिंदगी का गला घोटते घोटते……….!!
जब कोई हमसे पूछता है ,
कैसी है अब ज़िंदगी…
मैं मुस्कुराकर कहता हूँ
मुझसे मिलने के बाद
बहुत ख़ुश रहती है वो
Badal Diya hai maine
Zindagi ka usool aaj.
jo karega yaaad,
buss wohi rahega yaad.
Maut Ka Intezaar Baaki Hai
Aapka Intjaar Tha, Aur Ab Na Raha
Lehze ke bad wo badalta nigaah bhi
Rasta badal ke hum use heraan kar aaye…!!!
Mita de ye khushfahmi unke aamad ki,
gareebon ki mazaron par charagan koun karta hai.
जिस के होने से मैं खुद को
मुक्कमल मानता हूँ
मेरे रब के बाद
मैं बस मेरी माँ को जानता हूँ !!!