पहना रहे हो

पहना रहे हो क्यूँ मुझे तुम काँच का लिबास….
क्या बच गया है फिर कोई पत्थर तुम्हारे पास

आरज़ू होनी चाहिए

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं,
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते है जो उड़ जाते है…!!

वक़्त से लड़कर

वक़्त से लड़कर जो
अपना नसीब बदल दे,इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,कल होगा क्या,
कभी ना यह सोचो यारो,क्या पता कल
खुद वक़्त अपनी तस्वीर बदल दे.