सफलता की उचाईओ पर चढ़ कर,
अहंकार कभी भी मत करना।।
क्योंकि ढलान हमेशा,
ऊपर से ही शुरू होता है।।।
Category: Heart Touching Shayri
डर मुझे भी लगा
डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.
जिसमें मतभेद के किले ढह जाएं
क्या ऐसा भूकंप नहीं आ सकता,
जिसमें अहम टूट जाए,
जिसमें मतभेद के किले ढह जाएं,
जिसमें घमंड चूर चूर हो जाए,
जिसमें गुस्से के पहाड़ पिघल जाए,
जिसमे नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये,
यदि ऐसा भूकंप आए तो
…. दिल से स्वागत है
इतना ग़ुरूर है
ये जो ” इनको ” इतना ग़ुरूर है…
सब मेरी ” तारीफों ” का क़ुसूर है…..
मोहब्बत से तौबा
आज फिर की थी, मैने मोहब्बत से तौबा…
आज फिर तेरी तस्वीर देखकर नीयत बदल गयी….
तजुर्बे उम्र से नहीं
तजुर्बे उम्र से नहीं…. हालातों से होते हैं
महफिल भी सजी है सनम भी..
महफिल भी सजी है सनम भी…
हम कन्फ्युज हैं… इश्क करें या शायरी।
निकाल के जिस्म से
निकाल के जिस्म से जो
अपनी जान देता है…
बङा ही मजबूत है वो पिता जो कन्या दान देता
है !!
हमेशा बादशाह समझा
मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा,
एहसास तब हुआ जब तुझे माँगा फकीरों की तरह।
किसी दिन देख कर
किसी दिन देख कर मौका
मुक़द्दर मार डालेगा ,
किनारा हूँ मैं जिसका वो समंदर मार डालेगा.
इबादत में नहीं लगता है दिल ये सोच कर मेरा,
जिसे में पूजता हूँ वो
ही पत्थर मार डालेगा .
लड़ा मैं जंगे मैदां उम्र भर तलवार के दम
पर,
कहाँ मालूम था छोटा सा नश्तर मार डालेगा.
दरो दीवार पर
दिखते हैं तेरी याद के धब्बे ,
कभी तन्हाई में मुझको मेरा घर मार
डालेगा.
मुनासिब तो यही होगा न आये नींद अब वर्ना,
मेरे ख्व़ाबों के
बच्चों को ये बिस्तर मार डालेगा.
उसे इक शेर में कह दूँ मैं दिल की
बात तो लेकिन,
भरी महफिल में वो कह कर मुकर्रर मार डालेगा.
बना
ले मुझको उस दुनिया का वारिस या मेरे मौला ,
वगरना मुझको इस
दुनिया का चक्कर मार डालेगा .