दिल बेजुबान है तो क्या,
तुम यूँ ही तोड़ते रहोगे..?!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल बेजुबान है तो क्या,
तुम यूँ ही तोड़ते रहोगे..?!
बस इतनी सी बात समंदर को खल गईं,
एक कागज़ की नाव मुझ पर कैसे चल गई!
दिल बङा रखें..
दुनिया तो वैसे भी
‘बहुत छोटी’ है…!
जिंदगी की थकान में गुम हो गया,
वो अल्फाज़ जिसे “सुकून” कहते है…
जिस दिन अपने कमाए हुए पैसों से जीना सीख जायोगे ,
उस दिन आपके शौक अपने आप कम हो जायेंगे..!!
फ्री में हम किसी को ‘गाली’ तक नहीं देते…,,,
‘स्माइल’ तो बहुत दूर की बात हैं…!!!
पूरी दुनिया नफ़रतों में जल रही है..
इसीलिए इस बार ठण्ड कम लग रही है।
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..
मेरी समझदारियोँ ने मेरी मासूमियत को मार ङाला…
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तुझे अब भी शिकायत है कि मैँ तुझे समझता नहीँ…!!!