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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !

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by pyarishayri - July 11, 2017

यूँ तो ए-ज़िन्दगी

यूँ तो ए-ज़िन्दगी, तेरे सफर से शिकायते बहुत थी, मगर “दर्द” जब “दर्ज” कराने पहुँचे तो “कतारे” बहुत थी।

by pyarishayri - July 11, 2017

दिलों में रहता हूँ

दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ
मैं इश्क़ हूँ,
वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ

by pyarishayri - July 11, 2017

मैं तुझे चांद कह दूं

मैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर
लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे|

by pyarishayri - July 11, 2017

मैंने कब कहा

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी..
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते !!

by pyarishayri - July 11, 2017

तुम्हे गुरुर ना हो जाये

तुम्हे गुरुर ना हो जाये हमे बर्बाद करने का

इसीलिए सोचा हमने महफ़िल में मुस्कुराने का..

by pyarishayri - July 11, 2017

मंजिल मिल ही जायेगी

मंजिल मिल ही जायेगी, भटकते हुए ही सही..
गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।

by pyarishayri - July 10, 2017

सूखे पत्ते भीगने लगे हैं

सूखे पत्ते भीगने लगे हैं अरमानों की तरह
मौसम फिर बदल गया , इंसानों की तरह.!!

by pyarishayri - July 10, 2017

साथ थे तो शहर

साथ थे तो शहर छोटा था..
बिछडे तो गलिया भी लम्बी लगने लगी….

by pyarishayri - July 10, 2017

बस दिलों को जीतना ही

बस दिलों को जीतना ही
जिंदगी का मकसद रखना

वरना

दुनिया जीतकर भी
सिकंदर खाली हाथ ही गया…

by pyarishayri - July 10, 2017

तुमसे मिलने का हमने

तुमसे मिलने का हमने निकाल लिया एक रास्ता…..
झांक लेते हैं दिल में …आँखों को बन्द करके…!

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