वो ज़हर देकर

वो ज़हर देकर मारता तो दुनियां की नज़रों में आ जाता,
अंदाज़-ऐ-क़त्ल तो देखो मुहब्बत कर के छोड़ दिया …

अब ना करूँगा

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने,
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दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यू करना…
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