बात हुई थी

बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की..
बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..

पता है तुम्हारी

पता है तुम्हारी और मेरी,
मुस्कान मे क्या फर्क है ,
तुम खुस होकर मुस्कुराते हो,
हम तुम्हे खुस देखकर मुस्कुराते है..