हम वो हैं जो खुदा को भूल गये,
तू मिरी जान किस गुमान में है..?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम वो हैं जो खुदा को भूल गये,
तू मिरी जान किस गुमान में है..?
कदर होती है इंसान की जरुरत पड़ने पर ही. बिना जरुरत के तो हीरे भी तिजोरी में रहते है |
मेरी खामोसी देखकर मुझसे ये ज़माना बोला
तेरी संजीदगी बताती हे तुझे हँसने का शौक़
रहा होगा कभी..!!
उम्र भर की बात बिगड़ी इक ज़रा सी बात में..
एक लम्हा ज़िंदगी भर की कमाई खा गया
हुआ मैं जब से अपने सच से वाक़िफ
तभी से खुद को झूठा लग रहा हूँ ।
कोई तो टूटा हुआ होगा मेरी तरह ही,
जो जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कहीं !!
मोहब्बत थी तो चाँद अच्छा था,
उतर गई तो दाग भी दिखने लगे !!
आजकल के दिल बहोत छोटे हो गये है,
बहोत जल्द भर जाते है !!
बदल गई है रुत मेरी इन आँखों की,
बरसात होती रहेती है घडी घडी !!
कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को,
जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ..