हमारी वफा से तुमको शिकायत ही भले सही,
तुम्हारा इश्क ना मयस्सर मुसीबत ही हमें सही,,
तुम्हारी दिल्लगी को हम मोहब्बत क्यों समझ बैठे,
तिजारती यार जा तेरी अदावत भी हमें सही
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमारी वफा से तुमको शिकायत ही भले सही,
तुम्हारा इश्क ना मयस्सर मुसीबत ही हमें सही,,
तुम्हारी दिल्लगी को हम मोहब्बत क्यों समझ बैठे,
तिजारती यार जा तेरी अदावत भी हमें सही
चाहत है किसी चाहत को पाने की,
चाहत है चाहत को आज़माने की,
वो चाहे हमें चाहे ना चाहे,
पर चाहत है उनकी चाहत में मिट जाने की.. !!!
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो,
दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो!!!
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!
अगर मेरी जिंदगी में तुम नहीं हो,
तो ये जिंदगी भी नहीं चाहिए मुझे !!
तू साथ रहे तो दिल भी गुनगुनाता है,
जो तू नहीं तो धड़कन भी शोर लगती है !!
यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,मगर कोई दिल से नहीं मिलता !!
मामूली सी चाहत मेरी
तेरे नाम से जुड़ कर
अनमोल हो गई…
मुँह फेर कर बैठे हो यूं बेरुखी से..
पल ही बीता हैं पर लगा रहा है सदियों सा..!!
:उसके चले जाने के बाद हम मोहब्बत नहीं करते किसी से,
छोटी सी जिन्दगी है किस किस को अजमाते रहेंगे