ऐ किराये के कातिलों

ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी , मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।

जाने कैसे उसने भुला दिये

जाने कैसे उसने भुला दिये वो पल., जिनको अपनी ज़िन्दगी कहा करता था वो….

अब क्या मुकाम आता है

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..

हम इश्क के

हम इश्क के फ़कीर प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

सब कुछ है

सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली… Continue reading सब कुछ है

ये ख्वाब है

ये ख्वाब है, खुश्बू है, के झोंका है के तुम हो…! ये धुंध है, बादल है, के साया है, के तुम हो …

समुद्र बड़ा होकर भी

समुद्र बड़ा होकर भी, अपनी हद में रहता है, जबकि इन्सान छोटा होकर भी अपनी हद भूल जाता है…

खूश्बु कैसे ना आये

खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।

समुद्र बड़ा होकर भी

समुद्र बड़ा होकर भी, अपनी हद में रहता है, जबकि इन्सान छोटा होकर भी अपनी हद भूल जाता है…

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